Atoms class 12 physics chapter 12 bihar board 2025

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परमाणु (Atom) पदार्थ का सबसे छोटा इकाई होता है जो कि किसी तत्व की रासायनिक विशेषताओं को प्रदर्शित करता है । परमाणु के मॉडल समय के साथ विकसित हुए हैं, जैसे कि जॉन डॉल्टन का मॉडल, थॉमसन का प्लम पुडिंग मॉडल, रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल, बोहर का मॉडल, और क्वांटम मैकेनिक्स आधारित आधुनिक मॉडल। आज, परमाणु संरचना और उसके गुणों को समझने के लिए क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है ।

Atoms

Introduction

परमाणु वह आधारभूत इकाई है जिससे सभी तत्व और पदार्थ बने होते हैं । प्रत्येक परमाणु एक नाभिक (Nucleus) से बना होता है जिसमें प्रोटॉन (Proton) और न्यूट्रॉन (Neutron) होते हैं, और इसके चारों ओर इलेक्ट्रॉन (Electron) होते हैं जो विभिन्न ऊर्जा स्तरों या कक्षाओं में घूमते रहते हैं ।

Alpha-Particle Scattering and Rutherford’s Nuclear Model of Atoms

Rutherford’s Nuclear Model अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तावित किया गया था । इस मॉडल में, परमाणु को एक सूक्ष्म, सघन, धनावेशित कोर, जिसे नाभिक कहा जाता है, के रूप में वर्णित किया गया है, जिसके चारों ओर नकारात्मक रूप से आवेशित घटक, जिन्हें इलेक्ट्रॉन कहा जाता है, घूमते हैं, बिल्कुल सूर्य के चारों ओर घूमने वाले ग्रहों की तरह ।

Bohr Model of the Hydrogen Atoms

बोहर मॉडल हाइड्रोजन परमाणु के लिए 1913 में नील्स बोहर ने प्रस्तावित किया था । इस मॉडल ने क्वांटम विचारधारा को परमाणु संरचना में शामिल किया |

हाइड्रोजन परमाणु के बोहर मॉडल के मुख्य बिंदु दिए गए हैं :

  1. कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन: बोहर मॉडल के अनुसार, हाइड्रोजन परमाणु में एक नाभिक (प्रोटॉन) और उसके चारों ओर एक इलेक्ट्रॉन होता है जो निश्चित कक्षाओं या ऊर्जा स्तरों में घूमता है। इन कक्षाओं को “उर्जा कक्षाएं” कहा जाता है।
  2. स्थिर कक्षाएं: इलेक्ट्रॉन उन कक्षाओं में घूम सकता है जो स्थिर और निश्चित होती हैं। इन कक्षाओं में घूमने के दौरान, इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण नहीं करता है। इन स्थिर कक्षाओं को “स्थिर ऊर्जा स्तर” कहा जाता है।
  3. ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण: जब इलेक्ट्रॉन एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाता है, तो वह ऊर्जा को उत्सर्जित या अवशोषित करता है। यदि इलेक्ट्रॉन एक ऊपरी कक्षा से निचली कक्षा में जाता है, तो वह ऊर्जा के रूप में प्रकाश उत्सर्जित करता है। इसी तरह, अगर वह निचली कक्षा से ऊपरी कक्षा में जाता है, तो वह ऊर्जा को अवशोषित करता है।
  4. क्वांटम जंप: इलेक्ट्रॉन का कक्षाओं के बीच जाना क्वांटम जंप (Quantum Jump) के रूप में जाना जाता है। यह “क्वांटम” शब्द का उपयोग करते हुए ऊर्जा स्तरों के बीच अचानक परिवर्तन को दर्शाता है।
  5. स्पेक्ट्रम की व्याख्या: बोहर मॉडल ने हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की व्याख्या की, जिसमें हाइड्रोजन गैस के माध्यम से विद्युत आवेश प्रवाहित करने पर जो विशिष्ट तरंगदैर्ध्य (Wavelengths) उत्पन्न होते हैं, उन्हें समझा गया।

बोहर मॉडल हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम को समझाने में प्रभावी साबित हुआ, लेकिन यह अधिक जटिल परमाणुओं के लिए पर्याप्त नहीं था ।

Energy Levels

हाइड्रोजन परमाणु में ऊर्जा स्तर (Energy Level) का मतलब उन विशिष्ट ऊर्जाओं से है, जो परमाणु के भीतर इलेक्ट्रॉन द्वारा ली जा सकती हैं ।

The Line Spectra of the Hydrogen Atoms

हाइड्रोजन परमाणु का रेखा स्पेक्ट्रम (Line Spectrum) एक विशिष्ट पैटर्न है जो हाइड्रोजन के परमाणु से उत्सर्जित या अवशोषित होने वाले प्रकाश के रंगों या तरंगदैर्घ्य को दर्शाता है ।

यह स्पेक्ट्रम क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों के कारण होता है और हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉनों के ऊर्जा स्तरों में परिवर्तन से संबंधित है ।

  1. ऊर्जा स्तर और क्वांटम जंप: हाइड्रोजन परमाणु में एक प्रोटॉन से बना एक नाभिक और उसके चारों ओर एक इलेक्ट्रॉन होता है। बोहर मॉडल के अनुसार, यह इलेक्ट्रॉन विशेष ऊर्जा स्तरों में घूमता है। जब इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर पर जाता है, तो वह ऊर्जा को उत्सर्जित या अवशोषित करता है। इस ऊर्जा को प्रकाश के रूप में देखा जा सकता है।
  2. उत्सर्जन स्पेक्ट्रम: यदि हाइड्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रॉन एक ऊपरी ऊर्जा स्तर से निचले ऊर्जा स्तर पर गिरता है, तो यह ऊर्जा उत्सर्जित करता है। इस उत्सर्जित ऊर्जा का विशिष्ट तरंगदैर्घ्य या रंग होता है। यही कारण है कि हाइड्रोजन का उत्सर्जन स्पेक्ट्रम विभिन्न रंगों की रेखाओं के रूप में दिखता है, जिसे रेखा स्पेक्ट्रम कहा जाता है।
  3. हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की श्रेणियां:
    • बाल्मर श्रेणी (Balmer Series): जब इलेक्ट्रॉन दूसरे ऊर्जा स्तर (n=2) में गिरते हैं, तो उत्पन्न होने वाला स्पेक्ट्रम दृश्य प्रकाश में होता है। यही कारण है कि बाल्मर श्रेणी के रेखाएं दिखाई देती हैं, जिनमें विभिन्न रंगों की रेखाएं होती हैं।
    • ल्यमन श्रेणी (Lyman Series): जब इलेक्ट्रॉन पहले ऊर्जा स्तर (n=1) में गिरते हैं, तो उत्सर्जित ऊर्जा पराबैंगनी (UV) श्रेणी में होती है।
    • पैशेन, ब्रैकेट, और प्फंड श्रेणियां: ये श्रेणियां तब उत्पन्न होती हैं जब इलेक्ट्रॉन उच्चतर ऊर्जा स्तरों (n=3, 4, 5, आदि) में गिरते हैं। ये श्रेणियां अवरक्त (Infrared) क्षेत्र में होती हैं।
  4. रेखा स्पेक्ट्रम का महत्व: हाइड्रोजन के रेखा स्पेक्ट्रम का अध्ययन कई वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह स्पेक्ट्रम क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों को पुष्टि करता है, और इसका उपयोग खगोल विज्ञान में तारों और गैलेक्टिक वस्तुओं के विश्लेषण के लिए किया जाता है, क्योंकि हर तत्व का अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम होता है ।
S.N.ChapterChapter
1Electric Charges & Fieldsविद्युत आवेश एवं क्षेत्र
2Electrostatic Potential & Capacitanceइलेक्ट्रोस्टैटिक क्षमता और धारिता
3Current Electricityविद्युत धारा
4Moving Charges and Magnetismगतिमान आवेश और चुंबकत्व
5Magnetism and Matterचुंबकत्व और पदार्थ
6Electromagnetic Inductionविद्युतचुंबकीय प्रेरण
7Alternating Currentप्रत्यावर्ती धारा
8Electromagnetic Wavesविद्युतचुम्बकीय तरंगें
9Ray Optics and Optical Instrumentsरे ऑप्टिक्स और प्रकाशीय उपकरण
10Wave Opticsतरंग प्रकाशिकी
11Dual Nature Of Radiation and Matterविकिरण और पदार्थ की दोहरी प्रकृति
12Atomsपरमाणु
13Nucleiनाभिक
14Semiconductor Electronics:
Materials Devices & Simple Circuits
सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स :
सामग्री उपकरण एवं सरल सर्किट
15Communication Systemसंचार तंत्र

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By Alok Official

I did class 10th with 82% marks and class 12 with 87% marks, I did graduation in Mathematics.

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